पाक के खिलाफ भारत के तेवर से चिंता में चीन, कहा- शांति से सुलझाएं मुद्दे
बीजिंग। जम्मू-कश्मीर के उरी में सैन्य शिवर पर हुए हमले में 18 जवानों की शहादत के बाद भारत के कड़े रुख से चीन चिंता में पड़ गय़ा है। चीन को डर है कि कहीं भारत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हमला न कर दे। दरअसल चाइना का इकोनॉमिक कॉरीडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर जाता है। इस इकोनॉमिक कारीडोर पर चीन ने तकरीबन 50 अरब डॉलर का निवेश कर रखा है। चीन की चिंता है कि अगर भारत ने हमला कर दिया तो उसे जबर्दस्त नुकसान उठाना पड़ेगा। यही नहीं मिडिल ईस्ट से उसे जोड़ने वाला रास्ता भी बंद हो सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय में प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है और उसकी कड़े शब्दों में निंदा करता है। हम कश्मीर में बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि संबंधित पक्ष अपने मतभेद दूर करने के लिए बातचीत और विचार विमर्श करेंगे तथा आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाएंगे। केवल इस तरीके से ही वे अपने क्षेत्र में शांति और सुरक्षा स्थापित कर सकते हैं।
यह पूछे जाने पर कि चीन हिंसा में वृद्धि का 46 अरब डॉलर की चीन..पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना पर असर किस तरह देखता है, लू ने कहा कि इस गलियारे का निर्माण क्षेत्र के देशों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस गलियारे से निर्बाध कामकाज सुनिश्चित करने के लिए सभी संबद्ध देशों के ठोस प्रयासों की जरूरत है। ल्यू ने कहा कि साथ ही मैं इस बात पर भी जोर देना चाहूंगा कि हाल ही में इस क्षेत्र में, खासकर कश्मीर में तनाव में कुछ वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सभी संबंधित पक्ष मिलकर काम कर सकते हैं और शांतिपूर्ण बातचीत के जरिये इन मतभेदों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध रहें तथा क्षेत्र में शांति और स्थिरता संयुक्त रूप से बनाए रखें। यह अंतिम विश्लेषण लाभकारी होगा और चीन, भारत, पाकिस्तान तथा क्षेत्र के सभी देशों के लिए फायदेमंद होगा।
गौरतलब है कि देश में सरकार और सेना पर जबर्दस्त दवाब है कि पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाए। सेना ने भी कह दिया है कि वो जवाब देने के लिए सक्षम और स्वतंत्र है। जबकि चीन का कहना है कि दोनों देश इस समस्या का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान तलाश करना चाहिए।
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