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अपने 17 शहीद जवानों का पाकिस्तान से इस तरह बदला लेना चाहती है सेना


जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में आर्मी के 12 ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर फिदायीन हमले के लिए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है. अपने 17 जवानों का बदला लेने के लिए सेना ने अपना शुरुआती प्लान तैयार कर लिया है. इस बारे में सरकार से इजाजत लेने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है.
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक उरी में भीषण आतंकी हमले के बाद सेना अब पाकिस्तान से लग रही 778 किलोमीटर लंबी एलओसी पर अपनी ताकत को और अधिक मजबूत करने वाली है. एलओसी पर सेना की तैनाती बढ़ाने का फैसला पाकिस्तानी सेना को भी नुकसान पहुंचाने की रणनीति का हिस्सा है.
भारतीय सेना ने इसके साथ ही कई और मोर्चों पर अपनी तैयारी मजबूत की है. इसके अलावा केंद्र सरकार के सामने सेना अपनी इन मांगों के साथ जल्द ही पहुंच सकती है-

- भारतीय सेना एलओसी पर तोपों की तैनाती और अन्य ऑपरेशंस को मंजूरी देने की मांग कर सकती है.
- भारतीय सुरक्षा बलों का एक बड़ा तबका चाहता है कि सरकार सीमा पार हमलों पर भी विचार करे.
- सरकार को पाकिस्तानी सीमा के भीतर सीमित, लेकिन कड़े हमले करने की इजाजत देने पर विचार करना चाहिए.
- पाकिस्तानी सेना पर जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने में मदद की बात लगातार सामने आती रही है.
- एलओसी पर तैनात आर्मी बटालियनों और वेस्टर्न फ्रंट पर एयर फोर्स के एयरबेस को 'फुल अलर्ट' पर रखे जाने की तैयारी की जा रही है.

- अगर भारतीय सेना की ओर से पाकिस्तानी क्षेत्र में जाकर हमले पर विचार नहीं किया जाएगा, तो एलओसी पार किए बिना ही पाक सैनिकों को करारा जवाब देने की रणनीति पर जोर.
- हथियार भंडारों को टारगेट करना और पाकिस्तानी सीमा चौकियों पर भारी मोर्टार दागने जैसी कार्रवाई सेना की ओर से की जा सकती है.

- पाकिस्तानी रेड लाइन को पार करने के विकल्प पर भी विचार.
- इन्फैंट्री यूनिट्स की ओर से ट्रांस-बॉर्डर ऑपरेशन चलाने की इजाजत भी मांगी जाएगी.
- वहीं 90 किलोमीटर तक मार करने वाले स्मर्च रॉकेट्स की मौके पर तैनाती की मांग.
- इसके अलावा 290 किलोमीटर तक मार कर सकने वाली ब्रह्मोस मिसाइल के इस्तेमाल किए जाने की इजाजत भी मांगी जाएगी.

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