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क्रिकेट में SC/ST के 'आरक्षण' पर भड़के मोहम्मद कैफ, मीडिया पर ही दाग दिए सवाल


 क्रिकेटर मोहम्मद कैफ मैदान पर अपने शानदार खेल के साथ-साथ अपनी बेबाकी के लिए भी जाने जाते हैं. आखिरी मैच खेलने के 12 साल बाद क्रिकेट से संन्यास लेने वाले मोहम्मद कैफ सोशल मीडिया पर भी खासे एक्टिव रहते हैं. गौतम गंभीर की तरह कैफ भी सोशल मीडिया पर अपनी राय बेखौफ अंदाज में रखते हैं. हालांकि, इसके लिए उन्हें कई बार सोशल मीडिया ट्रोलिंग का शिकार भी होना पड़ा है लेकिन कैफ निर्भीक अंदाज में अपनी बात रखते रहे हैं. अब हाल ही में एक वेबसाइट में छपी स्टोरी से मोहम्मद कैफ इतने नाराज हुए कि उन्होंने मीडिया और पत्रकारों पर ही सवाल उठा दिए. मोहम्मद कैफ ही नहीं, आकाश चोपड़ा ने भी इस आर्टिकल की आलोचना की है.
बता दें कि एक वेबसाइट ने भारतीय क्रिकेटरों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को लेकर एक आर्टिकल छापा था. इस आर्टिकल की मोहम्मद कैफ और आकाश चोपड़ा ने कड़ी आलोचना की है. दरअसल, इस आर्टिकल में क्रिकेट में क्रिकेटरों की जाति को लेकर बात की गई है. आर्टिकल के मुताबिक, टेस्ट स्टेटस हासिल करने के 86 साल में भारतीय क्रिकेट में 290 खिलाड़ियों में से केवल 4 खिलाड़ी ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के हैं. 
इस आर्टिकल पर मोहम्मद कैफ ने कड़ी आपत्ति जताई है. कैफ ने मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया- कितने प्राइम टाइम जर्नलिस्ट SC या ST है. आपके संस्थान में कितने सीनियर एडिटर SC या ST हैं. शायद खेल ही एक ऐसा क्षेत्र है, जहां जाति के सभी बैरियर को सफलतापूर्वक तोड़ा गया है. खिलाड़ी एकता के साथ खेलते हैं, लेकिन हमारा जर्नलिस्ट नफरत फैला रहा है. 


मोहम्मद कैफ के साथ-साथ पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी इस आर्टिकल की निंदा की है. इस आर्टिकल की आलोचना करते हुए लिखा- 21वीं सदी का जर्नलिज्म. शाबाश... अगला क्या? जब आप यह कर ही रहे हैं तो यह भी गिन लीजिए कितने धर्मों के खिलाड़ी हैं. कृपया बड़े हो जाइए.

बता दें कि क्रिकेट में जाति-धर्म को लेकर उठने वाला यह पहला मामला नहीं है. पिछले साल अक्टूबर में आईपीएस संजीव भट्ट ने भी क्रिकेटरों के धर्म को लेकर एक ट्वीट किया था. संजीव भट्ट ने लिखा था- क्या इस समय भारतीय क्रिकेट टीम में कोई मुस्लिम खिलाड़ी है आजादी से आज तक ऐसा कितनी बार हुआ कि भारत की क्रिकेट टीम में कोई मुसलमान खिलाड़ी ना हो ? उन्होंने लिखा- क्या मुसलमानों ने क्रिकेट खेलना बन्द कर दिया है ? या खिलाड़ियों का चुनाव करने वाले किसी और खेल के नियम मान रहे हैं ?


उनके इस ट्वीट के बाद क्रिकेट हरभजन सिंह बुरी तरह भड़क गए थे. संजीव भट्ट को जवाब देते हुए हरभजन सिंह ने लिखा था- हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई आपस में है भाई. क्रिकेट टीम में खेलने वाला हर खिलाड़ी हिंदुस्तानी है उसकी जात या रंग की बात नहीं होनी चाहिए (जय भारत).


गौरतलब है कि हरभजन सिंह ने फीफा वर्ल्ड कप 2018 के फाइनल से पहले भी देश में हिंदू-मुस्लिम मतभेदों को लेकर ट्वीट किया था. हरभजन सिंह ने अपने ऑफिशियल टि्वटर हैंडिल पर एक ट्वीट करते हुए कहा- जब 50 लाख की आबादी वाला क्रोएशिया फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल खेल सकता है तो हम 135 करोड़ की आबादी वाले हिंदू-मुस्लिम खेलने में लगे हैं. उन्होंने हैशटैग- #सोच बदलो देश बदलेगा का इस्तेमाल किया है.

बता दें कि साल 2000 में अंडर-19 टीम की कप्तानी करने वाले मोहम्मद कैफ ने भारत को विश्व चैंपियन बनाया था. इस टीम में कैफ के साथ युवराज सिंह भी टीम का हिस्सा थे. कैफ की गिनती भारत के टॉप फील्डर्स में होती है. क्रिकेट के अलावा मोहम्मद कैफ राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं, लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली और हार का सामना करना पड़ा.

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